Sunday, October 5, 2014

वरना कयामत हो जायेगी ..!!

क्या खता हो गई मुझसे 
जो आज कल मिलना तक भूल गई 
कल तक -
तुम्हे मेरी बातों से इनकार नहीं था 
आज तुम्हारी ओठो से न सुन रहा हूँ 
मेरे प्यार में कुछ कमी रह गई है 
या तुम मिलना हीं नहीं चाहती ||

सुना है जब प्यार की गहराई मे
शक की लकीर खीच जाती है 
तो मिलने वाला भी 
मिलना तक नहीं चाहते है 
कहीं ऐसी बात तो नहीं 
शक के बादल कभी घटते नहीं 
यह बात दिल में रखना 
दिल भी तुम्हे मिलाना चाहता है 
इसलिए -
शक की निगाह से मुझे मत देखो 
वरना कयामत हो जायेगीं ||

Monday, September 29, 2014

तुम्हारी बातें ..!!

जब तुम कहती हो 
प्यार भरी बातें 
तो लगता हैं जैसे -
कोयल ने कूक लगायी है ||

हस्ती हो जब तुम 
मेरी प्यार भरी बातों को सुनकर 
तो लगता है जैसे -
मोतियों की लड़ी अपनी कला दिखाई हो ||

रास्ते में चलती हो 
जब तुम बलखाके 
तो लगता है जैसे -
सावन की काली घटा पगलाई है ||

जब देखती हो तुम मुझे 
प्यार भरी नज़रो से 
तो लगता है जैसे -
दिल के सुने बागो मे बसंत बहार आयी है ||

मेरी नज़रे जब कभी फिसल कर 
तुम्हारे गोरे गालो पे पड़ती है 
तो लगता है जैसे -
मैख़ाने से निकलकर शराब की प्याली आयी है ||

अनजान अब तुम्हारे उस चांदी सा बदन का
 क्या तारीफ़ करूँ ..
तेरी हर एक अंग में बिजली समायी है ||